
किशोर दा...
खइके पान बनारस वाला...चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना...चला जाता हूं किसी के धुन में ... अगर किसी से पूछा जाए कि इन गीतों में क्या समानता हैं...तो आपका क्या जवाब होगा...जी हां बिल्कुल ठीक पहचाना कि इन सब गीतों को एक ही गायक ने गाया हैं...जी जनाब इनका नाम किशोर कुमार हैं...लगभग सब सुपरस्टार की आवाज बनने वाले किशोर दा का आज पुण्यतिथि हैं...बॉलीवुड के सरताज गायक किसी परिचय से महरूम नहीं हैं ...पर दुनिया की बानगी देखिए बहुत कमतरे लोग को ये याद होगा...खैर ये दुनिया ही ऐसा हैं...किशोर दा के बारे मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर उन्होनें अमिताभ के लिए गाया तो अमिताभ की आवाजा में रम गए...वहीं देव साहब के लिए गाया तो उनकी आवाज में रम गए...राजेश खन्ना के गाना गाया तो लगा कि काका खुद ही गाना गा रहें हैं...शायद ही कोई ऐसा गायक होगा जो बहुमुखी प्रतिभा का धनी हो...चाहे निर्देशन हो या फिर निर्माता...हर जगह किशोर दा नें हाथ आजमाया...और सफल हुए...यही नहीं दादा ने बेजोड़ अभिनय भी किया...आखिर कौन भूल सकता हैं पड़ोसन के मास्टर जी को अपने शिष्य को प्यार करना सिखलाता हैं...बहरहाल एक इंसान में अभिनय की क्षमता,गायकी में बेजोड़, निर्देशन भी अव्वल दर्जे का...इतनी सारी प्रतिभा के धनी किशोर दा वाकई में बिरले थे...उनके जैसा ना कोई था और ना ही कोई आएगा...
किशोर दा के पुण्यतिथि पर उनको भावभीनी श्रद्धाजंलि...
खइके पान बनारस वाला...चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना...चला जाता हूं किसी के धुन में ... अगर किसी से पूछा जाए कि इन गीतों में क्या समानता हैं...तो आपका क्या जवाब होगा...जी हां बिल्कुल ठीक पहचाना कि इन सब गीतों को एक ही गायक ने गाया हैं...जी जनाब इनका नाम किशोर कुमार हैं...लगभग सब सुपरस्टार की आवाज बनने वाले किशोर दा का आज पुण्यतिथि हैं...बॉलीवुड के सरताज गायक किसी परिचय से महरूम नहीं हैं ...पर दुनिया की बानगी देखिए बहुत कमतरे लोग को ये याद होगा...खैर ये दुनिया ही ऐसा हैं...किशोर दा के बारे मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर उन्होनें अमिताभ के लिए गाया तो अमिताभ की आवाजा में रम गए...वहीं देव साहब के लिए गाया तो उनकी आवाज में रम गए...राजेश खन्ना के गाना गाया तो लगा कि काका खुद ही गाना गा रहें हैं...शायद ही कोई ऐसा गायक होगा जो बहुमुखी प्रतिभा का धनी हो...चाहे निर्देशन हो या फिर निर्माता...हर जगह किशोर दा नें हाथ आजमाया...और सफल हुए...यही नहीं दादा ने बेजोड़ अभिनय भी किया...आखिर कौन भूल सकता हैं पड़ोसन के मास्टर जी को अपने शिष्य को प्यार करना सिखलाता हैं...बहरहाल एक इंसान में अभिनय की क्षमता,गायकी में बेजोड़, निर्देशन भी अव्वल दर्जे का...इतनी सारी प्रतिभा के धनी किशोर दा वाकई में बिरले थे...उनके जैसा ना कोई था और ना ही कोई आएगा...
किशोर दा के पुण्यतिथि पर उनको भावभीनी श्रद्धाजंलि...